भारत ही नहीं पूरे विश्व में नर्सिंग सबसे कठिन पेशा है। भारत में लगभग सभी प्रांतों में नर्सिंग प्रफ़ेशन करने वाली महिलाओं को सम्मानपूर्वक सिस्टर या नर्स कहा जाता है। वही पुरुषों को ब्रधर बुलाया जाता है। समान्यता नर्सिंग पेशे में लगभग महिलायें ही होती है। जिसका मुख्य कारण महिलाओं में करुणा, धीरज, और सबसे अहम लम्बे समय तक बिना आराम किया काम करने की शारीरिक श्रमता होती है।
नर्स ना सिर्फ़ एक मेडिकल कर्मचारी होती है पर अक्सर ऐसे काम करती है जो कोई भी नहीं करना चाहता। सबसे बड़कर नर्स अस्पताल में भर्ती मरीज़ को सब ठीक होने की आशा देती है। ये सभी काम के साथ उसे फ़ाइल बनाना, कम्प्यूटर में उपचार का रेकर्ड रखना , ख़र्चो को लेखा जोखा रखना इत्यादि जैसे डाटा एंट्री के काम भी करना रहते है।
नर्स का सबसे महत्वपूर्ण काम होता नर्सिंग , जिसमें वे वो सब करती है जो कोई और नहीं कर सकता । सुई लगाना, घाव साफ़ करना और पट्टी बधाना, ब्लड प्रेशर नापना, समय पे दवाए देना इत्यादि समान्यता हम सभी देखते है। पर ऐसे कई काम होते है जब रोगी अत्यधिक बीमार हो जाता है और घर के सदस्य भी उसके नित्य काम नहीं करना चाहते । ऐसे में नर्स ही होती है जो वीभत्स रस की सीमा को पार करने वाले कार्य करती है। चाहें वो नवजात शिशु हो या ८० वर्ष की वृद्घ , सभी का ध्यान नर्स मुस्कुराते हुए करती है।
वही अन्य कठिन पेशों की परेशनियाँ नर्सिंग में भी है जैसे २४/७ सेवाए देना, १६ घंटो की शिफ़्ट करना , समय पे भोजन ना कर पाना उनके काम का हिस्सा होता है। एक नर्स लगभग हर समय एक रोगी से दूसरे रोगी के पीछे भागती रहती है। ये ऐसा पेशा है जिसमें आराम का समय मिलना लगभग असम्भव है।
दूसरी तरफ़ नर्सो को मिलने वाला मेहनताना उनके किए कार्यों के अपेक्षा बहुत कम होता है। जिस कारण भारत में बहुत बड़ी शंख़याँ में नर्स विदेशों में अपनी सेवाए देने चली जाती है।
लेकिन एन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आज भी हम समाज में नर्सिंग को सम्माजनक पेशे की रूप में नहीं देखते। भगवान ना करे किसी को अस्पताल में किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण जाना या भर्ती होना पड़ें, लेकिन सबसे पहले जो बात आपको महसूस होगी की आप नर्स के बिना शायद ही कुछ घंटे आराम से बिता पायें।
भले हे आप मेरी बात से सहमत ना हो की नर्सिंग सबसे कठिन पेशा है , पर उम्मीद है मेरे लेख से नर्सिंग की प्रति आपका सम्मान बड़ा होगा ।